Post Office स्कीम (POMIS) से हर महीने करते हैं कमाई? ITR भरते वक्त ध्यान रखना होगा Income Tax का ये नियम
Post Office Monthly Income Scheme Tax Rule: अगर हर महीने एक निश्चित बंधी बंधाई आय चाहिए, तो पोस्ट ऑफिस की योजना (POMIS) में निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही आपको टैक्स के नियम भी पता होने चाहिए. आइए इसे विस्तार से समझ लेते हैं.
पोस्ट ऑफिस की सबसे पॉपुलर निवेश योजनाओं में से एक है मंथली इनकम स्कीम (Post Office Monthly Income Scheme). ये सरकार समर्थित छोटी बचत योजना (Small Savings Scheme) है, जिसमें हर महीने की आय के लिए निवेश की प्लानिंग कर सकते हैं. सिंगल अकाउंट वाले वाले इसमें अधिकतम 9 लाख रुपये तक और जॉइंट अकाउंट से अधिकतम 15 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है. अगर हर महीने एक निश्चित बंधी बंधाई आय चाहिए, तो इस योजना में निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही आपको टैक्स के नियम (Post Office Monthly Income Scheme Tax Rule) भी पता होने चाहिए. आइए इसे विस्तार से समझ लेते हैं.
क्या है Post Office Monthly Income Scheme (POMIS)?
ये एक तरीके का टर्म डिपॉजिट अकाउंट है, जिसपर आपको हर महीने ब्याज मिलता है. आप एक निश्चित अमाउंट इसमें डालकर फिर ब्याज के साथ हर महीने फिक्स्ड इनकम पा सकते हैं. इन्वेस्टमेंट पीरियड 5 साल है. अभी आपको इसपर 7.40% की दर से ब्याज मिलता है, ये हर महीने आपके डिपॉजिट पर जुड़ जाता है. इस स्कीम में न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम डिपॉजिट 1,000 रुपये के मल्टीपल्स में किया जा सकता है. सिंगल अकाउंट के जरिए अधिकतम 9 लाख रुपये, जॉइंट अकाउंट के लिए 15 लाख, 10 साल और इससे ऊपर के नाबालिग 3 लाख तक का निवेश कर सकते हैं.
Post Office Monthly Income Scheme पर क्या हैं टैक्स के नियम?
इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर आपको ज्यादा टैक्स बेनेफिट्स मिलते हैं. इसपर कोई वेल्थ टैक्स नहीं लगता है. इस स्कीम पर TDS (tax deducted at source) या टैक्स रिबेट लागू नहीं होती है, न ही ये इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत आती है, जिसमें आपको सीधे डेढ़ लाख का फायदा मिलता है.
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इस योजना में आपके डिपॉजिट पर जो ब्याज मिलता है, वो टैक्सेबल (taxable income) होता है, यानी आपको इसपर टैक्स देना होता है. जब आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं (ITR Filling) तो आपको इससे हुई आय को 'Income from Other Sources' कैटेगरी में दिखाना होता है. आपको इस योजना से मिले ब्याज से हुई कमाई पर अपने टोटल इनकम पर लागू हो रहे इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स भरना होगा.
05:46 PM IST